राजस्थान में मानसून की एंट्री हो गई है। मानसून ने इस बार झालावाड़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर और उदयपुर के रास्ते एंट्री की है। इन संभाग के जिलों में बारिश भी अच्छी होने की संभावना है। राजस्थान में सामान्य तौर पर मानूसन 25 जून के आसपास ही प्रवेश करता है।

मौसम विशेषज्ञों ने इस बार मानसून में अच्छी बारिश होने की संभावना जताई है। पश्चिमी राजस्थान में अच्छी बारिश होने के संकेत हैं। वहीं पूर्वी राजस्थान में भी बारिश सामान्य से थोड़ी ज्यादा होने की भविष्यवाणी की है। राजस्थान के 27 जिलों में आज बारिश और आंधी चलने का अलर्ट है। साथ ही 25 जून को तीन जिलों और 26 जून को 6 जिलों में हीटवेव की चेतवनी जारी की गई है।

17 दिनों सिक्किम में अटका रहा मानसून
राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश समेत मध्य और उत्तर भारत के राज्यों में मानसून बंगाल की खाड़ी ब्रांच से आता है। लेकिन इस सीजन मानसून ने पूर्वोत्तर भारत और केरल में साथ एंट्री की थी। जो निर्धारित समय से 2 दिन पहले हुई। 31 मई को ये आगे बढ़ा और सिक्किम, पश्चिमी बंगाल के उत्तरी हिस्सों तक आ गया, लेकिन 31 मई के बाद से 17 जून तक मानसून यही अटका रहा। इधर अरब सागर की ब्रांच भी गति भी 10 जून के बाद से थम गई थी।

11 साल में केवल दो बार समय से पहले एंट्री
पिछले 11 साल की रिपोर्ट देखें तो राजस्थान में 2 बार ऐसा रहा है, जब मानसून की एंट्री राज्य में समय से पहले हुई हो। साल 2013 में मानसून की एंट्री 13 जून को हुई थी, जो समय से करीब 10 से 13 दिन पहले रही। साल 2021 में भी मानसून की एंट्री 18 जून को हुई।

साल 2021 में मानसून सामान्य से 17 फीसदी ज्यादा रहा। वहीं साल 2013 में मानसून के दौरान बारिश सामान्य से 26 फीसदी ज्यादा हुई थी। इन दोनों सालों में मानसून की समय से पहले एंट्री हुई थी।
चार सीजन ऐसे थे, जब मानसून की एंट्री जुलाई के महीने में हुई।

अब तक 526 बांध सूखे
राजस्थान में छोटे-बड़े कुल 691 बांध हैं। इनकी भराव क्षमता 12900.82 मिलियन क्यूबिक मीटर है। इनमें से 526 बांध ऐसे है, जिनमें बिल्कुल पानी नहीं है। जबकि 161 बांध ऐसे हैं, जिनमें पानी आंशिक रूप से या आंधे से ज्यादा भरा है। महज चार बांध ऐसे हैं, जिनमें 80 फीसदी या उससे ज्यादा पानी भरा है। इसमें जयपुर का चंदलाई, कानोता, अजमेर का अनासागर और कोटा का कोटा बैराज शामिल है।