28-29 अक्टूबर की मध्य रात्रि में साल का दूसरा चंद्रग्रहण होने जा रहा है। यह घटना इस बार मेष राशि में होगी जिससे पूरे भारत में इसका प्रभाव देखा जा सकेगा। इस चंद्रग्रहण के कारण, राजस्थान के कई मंदिरों में विशेष व्यवस्थाएँ की गई हैं।

राजस्थान के मंदिरों में बदलाव:

1. ब्रह्मा मंदिर, अजमेर: यह प्रमुख तीर्थ स्थल अजमेर में स्थित है, जहाँ इस चंद्रग्रहण के दौरान रात्रि में खीर का भोग नहीं लगेगा। गर्भगृह और मुख्य द्वार को बंद करने और खोलने की व्यवस्था की गई है।

2. खाटू श्याम मंदिर, सीकर: यह प्रसिद्ध मंदिर 28 अक्टूबर को 3:30 बजे से 29 अक्टूबर की सुबह 5:15 बजे तक बंद रहेगा। इसके बाद ही भक्त मंदिर की श्रीगणेशजी की दर्शन कर पाएंगे।

3. मेहंदीपुर बालाजी: यहाँ पर शरद पूर्णिमा को 28 अक्टूबर को चंद्र ग्रहण के कारण पट शाम 4:05 बजे पर बंद होगा और 29 अक्टूबर को सुबह 5:30 बजे खुलेगा। इसके बाद शुद्धिकरण और महा आरती की विशेष व्यवस्था की जाएगी।

4. तनोट माता मंदिर, जैसलमेर: इस मंदिर में चंद्रग्रहण के समय सूतक काल 28 अक्टूबर की शाम 4:05 बजकर 5 मिनट से लगेगा और मंदिर के पट 4 बजे बंद होंगे। 29 अक्टूबर को सुबह 7:00 बजे खुलेंगे।

चंद्रग्रहण के मुख्य चरण (अम्ब्रा स्टेज) या गहरी छाया पड़ने का समय 29 अक्टूबर की रात 1 बजकर 5 मिनट से 2 बजकर 24 मिनट तक है। इस दौरान सूतक काल 28 अक्टूबर की शाम 4:05 बजकर 5 मिनट से लगेगा।

इस प्रकार, राजस्थान के प्रमुख मंदिरों में चंद्रग्रहण के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए सूतक काल और मंदिरों की विशेष व्यवस्थाएँ की गई हैं। भक्तों से अनुरोध है कि वे इस समय मंदिरों का पालन करें और चंद्रग्रहण की चर्चा मंदिर के पुजारियों से भी करें।