
करवा चौथ, जो भारतीय संस्कृति में महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण व्रत है, इस वर्ष 1 नवंबर को मनाया जाएगा।
यह त्योहार महिलाओं के पति की लंबी आयु और उनके खुशहाल जीवन की कामना के साथ मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जल उपवास रखती हैं और चांद को अर्घ्य देने की परंपरा है।
इस विशेष दिन पर कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना महत्वपूर्ण है। संस्कृति और वैदिक पंचांग के अनुसार, करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर को रखा जाएगा।
इस दिन महिलाओं को 13 घंटे 42 मिनट तक निर्जला उपवास रखना पड़ेगा। व्रत सुबह 6:33 से रात 8:15 का होगा।
1 नवंबर (बुधवार) की शाम में पूजा के लिए महिलाओं को 1 घंटे 18 मिनट का सर्वार्थ सिद्धि योग का शुभ समय प्राप्त होगा। करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:36 से शाम 6:54 तक का है।
करवा चौथ के दिन चंद्रोदय रात 8:15 का होगा, इसी समय चंद्रमा पूजन के साथ अर्घ्य देना सही रहेगा।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि करवा चौथ के दिन महिलाओं को कुछ रंगों से परहेज करना चाहिए. उन्होंने कहा कि महिलाओं को इस दिन सफेद वस्त्र धारण नहीं करना चाहिए.
सफेद वस्त्र शुभ माना गया है, लेकिन करवा चौथ के दिन किसी भी हाल में व्रत रखने वाली महिलाओं को सफेद रंग का कपड़ा नहीं धारण करना चाहिए.
मना जाता है कि सफेद कपड़े विधवा महिलाएं पहनती हैं. साथ ही उन्हें काले रंग से परहेज करना चाहिए.
मंगलसूत्र में पिरोए गए काले मोतियों के अलावा उनके शरीर पर काले रंग का कोई भी परिधान नहीं होना चाहिए. इन बातों का ख्याल रखकर करवा चौथ करने से इसका पूरा लाभ व्रती को मिलता है.