राजस्थान में मौसम: मानसून की देरी और अलनीनो की पॉजिटिव कंडीशन का प्रभाव
राजस्थान, भारत के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित होने के कारण, मौसम की परिवर्तनशीलता का प्रमुख केंद्र है। यहां के मौसम की खबरें और विशेषज्ञों की भविष्यवाणियां अक्सर महत्वपूर्ण होती हैं। इस साल, मानसून का आगमन 8 दिन की देरी से हुआ है, जिसका असर पश्चिमी जिलों बाड़मेर और जैसलमेर से दिखाई देता है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार के मानसून में अलनीनो की पॉजिटिव कंडीशन को देखते हुए, यह आंकड़े सामान्य से कम बारिश की ओर इंगीत कर रहे थे। हालांकि, इस आंकड़े के खिलाफ, राजस्थान में मौसम विभाग ने हल्की से मध्यम बारिश की संभावना दिखाई है। अगले कुछ दिनों तक बारिश की गतिविधियां जारी रह सकती हैं, और मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार, सितंबर के आखिरी तक पूरे प्रदेश से मानसून पूरी तरह समाप्त हो सकता है।
पिछले 24 घंटों में, हनुमानगढ़ और गंगानगर के कई इलाकों में तूफानी बारिश की घटनाएँ दर्ज की गई हैं, जो तेज हवा के साथ गरज-चमक के साथ आई। आने वाले तीन दिनों में तेज बारिश की कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है, लेकिन संभावना है कि लोकल लेवल पर मॉइश्चर (नमी) के कारण बादल बन सकते हैं और इससे कुछ हल्की बारिश हो सकती है, खासकर कोटा, उदयपुर, अजमेर और जयपुर संभाग के जिलों में।
यह बारिश के बारे में नवीनतम जानकारी है, और लोगों को जागरूक रहना चाहिए और स्थानीय आधिकारिकों और आपदा प्रबंधन दलों की सुनें। मौसम के बदलने के बावजूद अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें और बरसात से जुड़े किसी भी स्थिति को अनदेखा न करें।