राजस्थान में चुनिंदा सेंटर्स पर होंगे नए आधार रजिस्ट्रेशन:4 हजार सेंटरों का सॉफ्टवेयर बदले गए; नए रजिस्ट्रेशन, नाम और जन्मतिथि में बदलाव के अधिकार हटाए
राजस्थान में संचालित करीब 4 हजार आधार सेंटरों पर अब नया रजिस्ट्रेशन या दूसरा बड़ा करेक्शन नहीं करवा सकेंगे। डिपार्टमेंट ऑफ इंफोर्मेशन टेक्नॉलोजी एंड कम्यूनिकेशन (डीओआईटी) ने राज्य में इन सेंटर्स पर स्थित मशीनों में ईसीएमपी से यूसीएल मोड पर करने का काम शुरू कर दिया है। इसके साथ ही अब लोगों को नया आधार रजिस्ट्रेशन करवाने या उसमें बड़ा बदलाव करवाने के लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर संचालित एक-एक मैन सेंटर पर ही जाना होगा।
डीओआईटी अधिकारियों के मुताबिक इस बदलाव के बाद अब आधार ऑपरेटर्स आधार कार्ड में हर तरह का बदलाव नहीं कर सकेंगे। वे सिर्फ आधार कार्ड में मोबाइल नंबर और एड्रेस ही चेंज कर सकेंगे। हालांकि डीओआईटी की ओर से संचालित ECMP सॉफ्टवेयर पर चलने वाले ब्लॉक और जिला स्तर पर आधार सेंटर्स के अलावा शिक्षा विभाग, डाकघर और बैंकों में संचालित आधार केन्द्रों पर सुविधाएं पहले की तरह जारी रहेगी।
1700 सेंटर्स पर ही मिलेगी सुविधा
डीओआईटी में आधार परियोजना के डिप्टी डायरेक्टर राकेश वर्मा ने बताया- केन्द्रीय एजेंसी यूआईडीएआई की ओर से प्रदेश में 4 हजार से ज्यादा आधार मशीनों को ईसीएमपी सॉफ्टवेयर से यूसीएल मोड पर लाने के निर्देश देने के बाद ये बदलाव किया जा रहा है। हालांकि डीओआईटी की ओर से संचालित ब्लॉक और जिला स्तर पर आधार सेंटर्स के अलावा शिक्षा विभाग, डाकघर और बैंकों में संचालित करीब 1700 आधार केन्द्रों पर नया आधारकार्ड बनाने से लेकर करेक्शन की सुविधाएं पहले की तरह जारी रहेगी वर्मा का कहना हैं कि व्यवस्था में बदलाव के बाद आमजन और आधार ऑपरेटर्स में भ्रम की स्थिति फैल गई हैं, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है।
लोग हो रहे है परेशान
आधार ऑपरेटर्स का कहना हैं कि अब तक आधार सेंटर्स पर 18 साल से कम उम्र के नया आधार कार्ड बनाने, फोटो चेंज, नाम, जन्मतिथि बदलने के अधिकार थे। लेकिन अब इन्हें सीमित कर दिया हैं। अब ऑपरेटर्स के सामने विकट समस्या आ गई हैं। अब ना तो नया आधारकार्ड बना सकते हैं ना ही किसी की फोटो चेंज कर सकते हैं। आमजन परेशान हो रहे है और आधार सेंटर्स पर हर रोज लोग चक्कर लगाने को मजबूर हैं। आधार मशीन को यूसीएल में चेंज कर दिया है जिससे आमजन को आधार कार्ड बनवाने और आधार करेक्शन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।