यूजी स्तर पर पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए एक नई शिक्षा नीति का आगमन हुआ है। अब, साइंस, कॉमर्स, आर्ट्स, फाइन आर्ट, और सोशल साइंस जैसे विषयों में पढ़ाई करने के बाद आगे की पढ़ाई को पूरा नहीं कर पाने पर समय बर्बाद नहीं होगा। नई नीति के अनुसार, छात्र-छात्राओं को यदि एक साल का समय दिया गया है और वह आगे की पढ़ाई पूरी नहीं कर पा रहे हैं तो उन्हें “सर्टिफिकेट ऑफ बैचलर” प्राप्त होगा। दो साल की पढ़ाई के बाद, यदि पढ़ाई नहीं की जा रही है तो “डिप्लोमा इन बैचलर” प्राप्त होगा। तीन साल की पढ़ाई के बाद, अगर अध्ययन नहीं किया जा रहा है, तो उपाधि की “डिग्री” मिलेगी। चौथे साल तक पढ़ाई करने पर “आनर्स की उपाधि” प्राप्त होगी।

शिक्षा के नए मानक:

नई नीति के तहत, पास होने के लिए छात्रों को थ्योरी, प्रैक्टिकल, और इंटरनल असाइनमेंट में अलग-अलग में 40-40 फीसदी अंक प्राप्त करने होंगे। इससे शिक्षा में गहराई से विश्लेषण की जाएगी और छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों में निपुणता प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।

इस नई नीति से समय की उपयुक्त सदुपयोग होगा और छात्रों को उच्च शिक्षा में उन्नति की ओर अग्रसर करने का मार्ग प्रशस्त होगा। साथ ही, विभिन्न विषयों में विशेषज्ञता प्राप्त करने की संविधानिक नीति के चलते, छात्रों को विशेष अनुसंधान और उनकी रुचियों के अनुसार शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।

यह नई शिक्षा नीति एक नई शिक्षा की परिकल्पना का परिचायक है, जो छात्रों को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नई दिशा देने के लिए बनाई गई है। यह उन्नति की ओर बढ़ती राह प्रशस्त करेगी और छात्रों को उनके पाठ्यक्रम के अनुसार शिक्षा प्राप्त करने का संविधानिक अवसर प्रदान करेगी। – *प्रो. अल्पना कटेजा, कुलपति, राजस्थ